श्रीमती एम. सुब्बालक्ष्मी
किशोरी अमोनकर का कहना है "संगीत में सात स्वर होते हैं। किन्तु श्रीमती एम. सुब्बालक्ष्मी आठवाँ सुर हैं जो संगीत के सातों सुरों से ऊँचा है।"
भारतीय संगीत जगत की विश्वविख्यात गायिका एम. सुब्बालक्ष्मी (पूरा नाम श्रीमती मदुर पण्मुखवडिवु सुब्बालक्ष्मी) का जन्म 16 सितम्बर 1916 को तमिलनाडू के मदुरै शहर में हुआ था।
शेम्मंगुडी श्रीनिवास अय्यर से कर्नाटक संगीत तथा पंडित नारायणराव व्यास से हिन्दुस्तानी संगीत की शिक्षा प्राप्त की। कर्नाटक संगीत का सर्वोत्तम पुरस्कार 'संगीत कलानिधि' पाने वाली वे पहली महिला हैं।
वे पहली भारतीय हैं जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र
संघ की सभा में अपने गायन से विश्व को मंत्रमुग्ध किया था सन् 1998 में आपको भारत रत्न से सम्मानित किया गया। आपकी कला साधना के लिए समय-समय पर पद्मभूषण, संगीत-नाटक अकादमी पुरस्कार, मैग्सेसे अवार्ड, पद्म विभृषण, कालिदास
सम्मान, इंदिरा गाँधी अवार्ड आदि पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। सन् 2004 में 88 वर्ष की आयु में चेन्नै में इस महान गायिका ने अपनी जीवनलीला पूर्ण की।
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